Farah Khan on Father

Farah Khan on Father बॉलीवुड में एक कहावत बहुत आम है कि यहाँ हर शुक्रवार लोगों की तक़दीर बदलती है। हम सभी जानते हैं कि बॉलीवुड में आम तौर पर फ़िल्में शुक्रवार को रिलीज़ होती हैं और अगर फ़िल्म हिट हो जाए तो फ़िल्म से जुड़े सभी लोग आसमान पर बैठा दिए जाते हैं। वहीं अगर फ़िल्म न चल पाए तो फ़िल्म से जुड़े लोगों को आसमान से ज़मीन पर भी आना पड़ सकता है। Producer Kamran Khan

ऐसे कई फ़िल्ममेकर्स रहे हैं जिन्होंने अपनी पूँजी लगाकर फ़िल्में बनाईं। कई बार फ़िल्मों ने पैसा कमा लिया तो बहुत बार ऐसा भी हुआ कि फ़िल्म बुरी तरह पिट गई। आज के दौर में तो फिर भी फ़िल्म बनाने का स्टाइल कॉर्पोरेट हो गया है लेकिन एक दौर था जब फ़िल्म बनाने का स्टाइल बहुत पर्सनल होता था। Sad Story of Producer Kamran Khan

ऐसा ही दौर था जब फ़िल्म “ऐसा भी होता है” रिलीज़ हुई। इस फ़िल्म को आज बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन जब फ़िल्म बन रही थी तो इसके निर्माता के लिए ये बहुत बड़ी फ़िल्म थी. इस फ़िल्म के बनने से पहले इसके प्रोडूसर कामरान ख़ान ठीक ठाक पैसे वाले हुआ करते थे. हालाँकि इस फ़िल्म के लिए कामरान ने अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया था. Aisa Bhi Hota Hai

1971 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म में देब मुखर्जी, और नंदिता बोस ने मुख्य भूमिका निभाई थी। कामरान को उम्मीद थी कि फ़िल्म जब सिनेमा पर्दे पर लगेगी तो जनता इसे पसंद करेगी. रिलीज़ होने पर फ़िल्म आलोचकों को तो पसंद आयी लेकिन दर्शकों ने फ़िल्म को सिरे से नकार दिया. Deb Mukherji, Nandita Bose

फ़िल्म बुरी तरह पिट गई. कामरान ख़ान के लिए ये व्यापारिक घाटा ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत घाटा भी था. जिस फ़िल्म को उन्होंने सब कुछ दाँव पर लगाकर बनाया था वो फ़िल्म पिट गई और कामरान अपनी बाज़ी हार गए.

कामरान की बेटी फ़राह ख़ान (Farah Khan) ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जब वो पाँच साल की थीं तब ये फ़िल्म रिलीज़ हुई और हम अमीर से ग़रीब हो गए. वो बताती हैं कि जब वो 19 साल की थीं तो उनके पिता कामरान का निधन हो गया. वो कहती हैं कि लोगों को लगता है कि हमारे पास बहुत सुविधाएँ रही होंगी लेकिन जब अब्बा की मौत हुई तो उनके अंतिम संस्कार के लिए हमें लोगों से पैसे नहीं माँगने पड़ते.

वो कहती हैं कि 6 साल तक उनका परिवार एक स्टोर रूम में रहा. वो कहती हैं कि उनके घर में फ़्रिज, टीवी जैसी चीज़ें भी नहीं थीं. उनका बचपन और नौ-जवानी अभाव में बीते. एक फ़िल्म के फ्लॉप होने की वजह से पूरे परिवार को हर मोर्चे पर संघर्ष करना पड़ा. फ़राह ख़ान आज नामी कोरियोग्राफ़र और निर्देशक हैं वहीं उनके छोटे भाई साजिद भी फ़िल्म निर्देशन करते हैं. Farah Khan on Father

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